लेखनी कहानी -15-Dec-2022 आशिक को बना गई भाई
शीर्षक-आशिक को बना गई भाई
एक तरफा था मेरा प्यार,
यह हमें मालूम ना था यार।
अकसर गुजरा करती थी गलियों में,
एक दिन हो गई मुलाकातें।
हिम्मत हम ना जुटा पाए,
बहन कह कर निकल आए।
कर रहे थे वैलेंटाइन का इंतजार,
सोच रहे थे करेंगे उनको इजहार।
हमने बुलाया उसको केफे,
भाई को लेकर संग, लाई डंडे।
डंडे से किया मेरा बेहाल,
अब तक किसी से ना कर पाया प्यार।
उसकी लेकर दिल में झलक,
बना बैठा हूं उसको दर्पण।
कुछ समय जब गुजरा,
मेरे पास आकर कुछ कहा।
फिर आई मेरे पास,
बोली मुझको करना माफ।
राखी बांधकर बना गई भाई,
दिल को कर गई खाली।
जाते-जाते कह गई बात,
मेरी गली में ना रखना पांव।
मेरा भाई है डॉन,
ले लेगा तेरी जान।
बच कर रहना ओ मेरे भाई जान,
एक बहन की बात का रखना ध्यान।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा
नॉनस्टॉप प्रतियोगिता 2022 भाग 35
Muskan khan
16-Dec-2022 04:40 PM
बेहतरीन प्रस्तुति
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Mahendra Bhatt
16-Dec-2022 04:27 PM
बहुत सुंदर
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